A Secret Weapon For what to do for success in Hindi
A Secret Weapon For what to do for success in Hindi
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पंचतंत्र की कहानी: बड़े नाम का चमत्कार – bade naam ka chamatkar
पंचतंत्र की कहानी: मूर्ख बातूनी कछुआ – murkh batuni kachua
और उसने नाक और भौ को खीझते सिकोड़ते हुए कहा ” मेरे पास अभी समय नहीं है ” मुझे बड़े काम करना है, बड़ा बनना है ऐसे कहते हुए वह व्यक्ति आगे बढ़ गया।
“जब कोई हमें ठेस पहुँचाता है तो हमें इसे रेत में लिख देना चाहिए जहाँ क्षमा की हवाएँ इसे मिटा सकती हैं। लेकिन, जब कोई हमारे लिए कुछ अच्छा करता है, तो हमें उसे पत्थर में उकेरना चाहिए, जहां कोई हवा उसे मिटा नहीं सकती। ”
"लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरक प्रसंग"
हिंदी कहानियाँ एक ऐसी विधा है जो जीवन की हर परिस्थितियों को अपने तरीके से सुलझाने मे मदद करती हैं, हिंदी कहानी हमारे व्यक्तित्व को एक दर्पण की भांति हमारे सामने रखती हैं जिनसे हमें अपने कर्मो का बोध होता हैं। यह बात सत्य है कि कहानियाँ काल्पनिक होती हैं पर कल्पना परिस्थिती के द्वारा ही निर्मित होती हैं इन्हे मनोरंजक के लिए कई बार भावों की अतिश्योक्ति की जाती हैं लेकिन अंत सदैव व्यवहारिक होता हैं, यथार्थता से परिपूर्ण होता हैं।
वे मुस्कुराते हुए व्यक्ति से पूछे तुम वही व्यक्ति हो जिसने कल के सत्संग में बड़ा काम करने और बड़ा बनने के आह्वान पर अपनी स्वीकृति जताई थी।
अकबर बीरबल की कहानियाँ
I also decided to no more get more info eat animal products. The three amazing adopted puppies who share my household aren't any distinct with the cows, pigs and chickens whose flesh we pile on our plates. They Imagine and experience and so are A part of a family. By heading vegan, I’m conserving animals’ life and serving to the environment—meat manufacturing poisons the air and h2o. Superior wellbeing, a transparent conscience, a cleaner Earth—that’s a heady combination.” These careers could make you a millionaire prior to deciding to retire.
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उन्होंने भारत के अंतरिक्ष और रक्षा कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
गाँधी जी ने अपने जीवन में कभी भी मांस को हाथ नहीं लगाया. किन्तु एक बार उन्होंने मांस का सेवन किया था. जब गाँधी जी ने मांस खा लिया उस रात को गाँधी जी को पूरी रात अपने पेट में बकरे की बोलने की आवाज महसूस हुई.
प्रोफ़ेसर ने पहले ही दिन उस छात्र को नोटिस कर लिया, लेकिन कुछ नहीं बोले. लेकिन जब ४-५ दिन तक ऐसा ही चला, तो उन्होंने उस छात्र को क्लास के बाद अपने केबिन में बुलवाया और पूछा, “तुम हर समय उदास रहते हो.
आपको हर सुबह भीगे हुए बादाम क्यों खाने चाहिए?